Corona ka Kadha: कोविड-19 (Covid19) ने एक साल पहले जब हमला किया तो आयुष काढ़े (Aayush Kadha) के बारे में बहुत ज्यादा चर्चा हुई। इस काढ़े को इम्युनिटी (Kadha for Immunity) बढ़ाने के लिए काफी असरदार माना गया। लेकिन अब दूसरी लहर (Coronavirus second wave) में जब कोरोना (Corona) का स्ट्रेन (Covid19 Strain) बदल गया है, साथ ही मौसम में भी बदलाव है इसलिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि काढ़े (Corona ka kadha) में थोड़ा बदलाव जरूरी है।
काढ़े को लेकर कॉमन गलतियां (Common mistakes related to Corona ka Kadha)-
साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में आयुष के पूर्व डायरेक्टर और सीनियर आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. आलोक शर्मा (Former Director of AYUSH and Senior Ayurveda Expert Dr. Alok Sharma) के अनुसार आयुष काढ़े को सही तरीका से बनाना और सही मात्रा में सेवन करना बहुत जरूरी है।
– आयुष काढ़े को पीतल या मिट्टी के बर्तन में बनाना चाहिए। लेकिन लोग इसे हल्के तले वाले स्टील के बर्तन में बना रहे हैं। इससे काढ़े के गुण कम हो जाते हैं।
– दूसरी गलती जो लोगों ने की, वह यह कि दिन में 4-5 बार तक लोग काढ़े को पी रहे हैं। इससे मुंह में छाले, ब्लड प्रेशर बढ़ने, एसिडिटी बढ़ने जैसी समस्याएं देखने को मिलीं।
– इसके अलावा, लोग सुबह उठते ही खाली पेट या फिर कभी भी काढ़ा पी रहे हैं। इससे भी दिक्कत हो रही हैं।
कैसे बनाएं काढ़ा और कब लें (How to make Corona ka kadha and when to brew)-
कोशिश करें कि काढ़ा पीतल के बर्तन में उबालें। अगर पीतल का बर्तन नहीं है तो मोटी पेंद के स्टील के बर्तन में बनाएं। 2-3 तुलसी के पत्ते, 1 टुकड़ा दालचीनी, 1-2 तेजपत्ते, 2-3 काली मिर्च, एक छोटा टुकड़ा हल्दी, 3-4 मुनक्के को रात में पानी में भिगो दें। रात भी भिगोने से इन मसालों की तासीर कम गर्म हो जाती है। सुबह इन चीजों को एक गिलास ताजा पानी में डालकर उबाल लें। इतना उबालें कि मात्रा आधी रह जाए। फिर ठंडा कर पिएं।
– ध्यान रखें कि काढ़े को खाली पेट न पिएं। कुछ खाने के बाद ही पिएं। दिन में 1 या ज्यादा-से-ज्यादा 2 बार ही काढ़ा पिएं।
– जो लोग काढ़ा नहीं पीना चाहते, वे चाय में तुलसी और अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-खाने में भी अदरक और लहसुन इस्तेमाल करें। इनसे शरीर की इम्युनिटी बेहतर होती है।
सरसों का तेल भी असरदार
डॉ. आलोक के अनुसार अभी के वक्त में सभी लोग नाक के अंदर सरसों का तेल लगाते रहें। यह सादा-सा एक घरेलू उपाय है। इससे डस्ट या वायरस नाक में ही चिपक जाता है और शरीर के अंदर नहीं जा पाता।
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