CT Scan Phobia: कोरोना का डर लोगों में इस कदर है कि कुछ लोग कुछ दिनों के गैप में बिना डॉक्टर की सलाह लिए अपनी मर्जी से सीटी स्कैन (CT Scan) करवा रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसा करना हानिकारक है और यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण भी बन सकता है। हालांकि जरूरी होने पर लिमिट में कराया गया सीटी स्कैन (CT Scan) पूरी तरह सुरक्षित है। लेकिन कुछ केस में आयोडीनयुक्त कन्ट्रास्ट इंजेक्शन या फिर ओरल दिया जाता है जिससे मरीज को बेचैनी या एलर्जी हो सकती है लेकिन ऐसा सिर्फ कुछ एक केस में ही देखने में सामने आया है। प्रेग्नेंसी में बहुत जरूरी होने पर ही डॉक्टर सीटी स्कैन कराने की सलाह देते हैं। सामान्य हालात में प्रेग्नेंसी में सीटी स्कैन से परहेज किया जाता है क्योंकि इसके रेडिएशन का असर बच्चे पर भी पड़ सकता है।
1. सीटी स्कैन कैसे काम करता है
शरीर के जिस अंग का सीटी स्कैन किया जाना है, वहां इसका स्कैनर अलग-अलग एंगल से बिंदु जैसी छोटी पिक्चर कैप्चर करता है। कम्प्यूटर के जरिए इन बिंदुओं को मिलाकर उस अंग की एक मल्टी-डायमेंशनल इमेज बनाई जाती है। इसे कम्प्यूटर मॉनिटर पर देखा जा सकता है या इसकी फिल्म भी ली जा सकती है।
2. सीटी स्कैन कब जरूरी
वैसे तो मरीज की बीमारी डायग्नोस करने के लिए डॉक्टर खुद ही सीटी रिकमंड करते हैं। दिमाग से जुड़ी बीमारियों, दिमाग के अंदर खून जमा होने पर, ट्यूमर होने पर, स्पाइन से जुड़ी बीमारी होने पर, अचानक बेहोश होने पर सीटी स्कैन सबसे कारगर साबित होता है। इसके अलावा पेट और छाती के अंदरुनी अंगों की बीमारियों की पहचान में भी सीटी स्कैन की महत्वपूर्ण भूमिका है। जबकि फेफड़ों, लीवर आदि के कैंसर की विभिन्न स्टेज की जानकारी जुटाने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. सीटी स्कोर के आधार पर तय होता है कोरोना है या नहीं
डॉक्टर और विशेषज्ञों के मुताबिक, सीटी स्कैन के बाद आने वाली सीटी वैल्यू तय करती है कि व्यक्ति को कोरोना है या नहीं। ध्यान रहे ये वैल्यू जितनी कम होगी, संक्रमण उतना ही अधिक होता है और ये वैल्यू जितनी अधिक होगी, संक्रमण उतना ही कम होता है।
4. ICMR ने फिक्स की CT वैल्यू
आईसीएमआर ने इसके लिए एक पैमाना फिक्स किया है। आईसीएमआर के मुताबिक, सीटी वैल्यू 35 निर्धारित की है। अगर सीटी स्कैन करवाने पर सीटी वैल्यू 35 से कम आती है तो व्यक्ति कोविड पॉजिटिव है और अगर यह वैल्यू इससे ज्यादा है तो व्यक्ति को कोरोना नहीं है।
5. “CO-RADS” लंग्स कंडिशन और कोरोना डिटेक्शन
इसके अलावा सीटी स्कोर की मदद से ये जानने में भी आसानी होती है कि इंफेक्शन ने फेफड़ों को कितना नुकसान किया है। इसे जानने के लिए एक्सपर्ट्स CO-RADS टर्म का यूज करते हैं। इसका मतलब है, यदि CO-RADS का आंकड़ा 1 है तो सब कुछ सामान्य है। CO-RADS 2 से 4 होने पर हल्का फुल्का इन्फेक्शन और CO-RADS 5 या 6 है तो व्यक्ति कोविड पॉजिटिव है।
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