कोरोना वायरस की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे शांत होते दिख रही है। कई राज्यों में हालात सामान्य हुए हैं। कई जगह अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। वहीं इस दौरान हुए एक शोध में सामने आया कि कोरोना की गंभीरता कई कारणों पर निर्भर करती है। इनमें टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर के मरीज में कोविड का रिस्क फैक्टर काफी ज्यादा है और जिन लोगों में ज्यादा मोटापा था वे दूसरों की तुलना में जल्दी कोरोना की चपेट में आए।
जिन लोगों को मोटापे की समस्या है उनमें दिल के मरीज, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और एंडोथेलियल डिसफंक्शन जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं। रिसर्च में पाया गया कि ये स्थितियां कोरोना वायरस के रिस्क फैक्टर को कई गुना तक बढ़ा देती हैं। अधिकतर लोगों की मौत भी इसके चलते हुई क्योंकि उन्हें दूसरी संबंधित बीमारियां पहले से थीं। विशेषज्ञों के मुताबिक, वज़न बढ़ने से इम्युनिटी धीरे-धीरे कम होने लगती है और कोरोना से लड़ने के लिए इम्युनिटी बहुत महत्वपूर्ण चीज है।
Third Wave of Covid-19: तीसरी लहर बच्चों के लिए कितनी खतरनाक, घर पर बच्चों की केयर कैसे करें
मोटापे से जुड़ी अहम रिसर्च रिपोर्ट
ब्रिटेन में 17 हज़ार लोगों पर की गई रिसर्च में सामने आया कि जो लोग मोटापे के शिकार थे और जिनका बॉडी-मास इंडेक्स 30 से ऊपर था, उनमें 33 % मृत्यु दर ज़्यादा है। ब्रिटेन के आईसीयू में भर्ती लोगों के ऊपर किए गए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि वहां भर्ती करीब 34.5 प्रतिशत लोग ओवरवेट थे और 31.5 प्रतिशत मोटे थे। जबकि सात फीसदी मोटे और बीमार दोनों थे। केवल 26 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिनका बीएमआई सामान्य था।
इससे जुड़ी एक दूसरी रिसर्च में पाया गया कि मोटे लोगों में मृत्यु दर दोगुनी थी। रिसर्चर्र का कहना है कि अगर इनमें दिल की बीमारी और डायबिटीज जैसी दूसरी वजहें शामिल कर ली जाएं, तो यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है।
खतरनाक है 35 से ज्यादा BMI
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 35 से 40 के बीच BMI होने से व्यक्ति की कोविड -19 से मरने की संभावना 40% तक बढ़ सकती है। जबकि 40 से अधिक BMI जोखिम को 90% तक बढ़ा सकता है।
Health OPD को आप Facebook, Twitter पर जरूर फॉलो करें। हेल्थ से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी के लिए आप हमारा YouTube चैनल जरूर सब्सक्राइब करें। फीडबैक या शिकायत के लिए आप हमें healthopdindia@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।