Coronavirus and Blood Pressure: कोरोना वायरस के चलते लोगों में अलग-अलग मिथ हैं। ऐसे ही कुछ मिथ ब्लड प्रेशर (coronavirus and blood pressure) मरीजों के लिए हैं लेकिन इन पर ज्यादा जोर देने से अच्छा है कि आप अपने डॉक्टर्स से सीधे परामर्श लें और सही और सटीक जानकारी को ध्यान से समझकर सेल्फ केयर करना शुरू करें। इस बारे में एम्स में कार्डियॉलजी के प्रोफेसर डॉ. संदीप मिश्रा से हेल्थ ओपीडी ने बातचीत की।
डॉ. संदीप मिश्रा ने बताया कि लोगों को मिथ की जगह स्टडी पर ध्यान देने की जरूरत है। लोगों में ये मिथ था कि कोरोना वायरस में बीपी की दवाई लें या न लें। उन्होंने कहा कि पूर्व की तरह जैसे आप बीपी की दवाइयां ले रहे हैं, वैसे ही लेते रहें। इससे न तो कोरोना वायरस बढ़ता है, न उसका इंफेक्शन होता है। बल्कि दवाई नहीं लेने से समस्या बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि बीपी, हार्ट, शुगर या अन्य किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों पर कोरोना ज्यादा घातक साबित हो रहा है। इसका कारण यह है कि जब किसी का बीपी हाई होता है या हार्ट प्रॉब्लम होती है तो सबसे ज्यादा इम्यूनिटी पर असर पड़ता है। हमारी इम्यूनिटी इन बीमारियों से लड़ती है लेकिन फिर कोरोना होने की स्थिति में हमें और इम्यूनिटी की जरूरत होती है लेकिन तब ऐसा नहीं होता। हमारी इम्यूनिटी वीक होती चली जाती है और कई बार मरीजों की जान भी चली जाती है।
इसके अलावा लोगों में ये भी भ्रातियां हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने जाएं या नहीं जाएं। अगर जाएं तो कुछ दिनों के लिए बीपी की दवाइयां बंद कर दें। कुछ जगह इस बात की भी चर्चा है कि क्लॉटिंग का रिस्क बढ़ जाएगा। तो लोग अपनी मर्जी से एंटी क्लॉटिंग दवाइयां लेने लगे लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। ये गलत है दवाई बंद करने की जरूरत नहीं है। न ही अलग-से कोई दवाई लेने की जरूरत है।
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