आज पूरे देश में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग न सिर्फ हमें शारीरिक रूप से फिट रखता है बल्कि यह बहुत-सी बीमारियों से हमें बचाता भी है। यही नहीं, कई बीमारियों से निपटने में भी योग मददगार साबित होता है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर में योग की क्या भूमिका हो सकती है, बता रहे हैं योग गुरु सुनील सिंहः
योग का मतलब सिर्फ कुछ आसन भर नहीं है, योग जीवनशैली है। यह जिंदगी को जीने का एक तरीका है। इसके साथ ही योग हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन योग करने से हमारा मन प्रसन्न और प्रफुल्लित रहता है। आपको बता दें कि योग करके हम कई बीमारियों को खुद से दूर रख सकते हैं। इसके साथ ही इनसे राहत भी पा सकते हैं।
क्या है योग का मतलब
योग संस्कृत के युज धातु से बना है, जिसका मतलब होता है जोड़ना, मिलाना, संयुक्त करना। योग सिर्फ एक आसन तक ही सीमित नहीं है बल्कि योग एक धरोहर है, परंपरा है, पद्धति है जीवन को जीने की। प्रतिदिन योग करने से जीवन सरल, सहज और सजग हो जाता है।
योग बनाता है निरोगी
योग लोगों को निरोगी रहने में बहुत मदद करता है। योग डायबिटीज, मोटापे, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से दूर रखता है। अपनी उचित दिनचर्या और जीवनयापन के साथ सही तरह से योग करने से आप निरोगी रह सकते हैं। सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से एंडोक्राइन सिस्टम, रेस्पिरेटरी सिस्टम के साथ ही शरीर को डी-डॉक्सीफाइड करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज में कौन से प्रायाणाम और आसन हैं असरदार
वर्तमान में 11 करोड़ लोग चीन में, 7 से 8 करोड़ लोग भारत में डायबिटीज के मरीज हैं। बहुत-से मामलों में डायबिटीज की वजह जेनेटिक होती है। लेकिन सही खानपान न करना, योग न करना आदि भी डायबिटीज की वजह बनता है। रोज 40 मिनट तक योग अभ्यास करने से डायबिटीज से दूर रह सकते हैं। उचित खानपान, प्राणायाम और मेडिटेशन करने से डायबिटीज को बढ़ने से काफी हद तक रोका जा सकता है। डायबिटीज में सुखासन, कपालभाति, भ्रामरी प्रायाणाम, प्रतिप्रसव प्रायाणाम आदि करना काफी फायदेमंद है। इसके अलावा, एक बार में खूब सारा खाना खाने से बचें। इसके बजाय 5-6 बार में थोड़ा-थोड़ा कर खाएं।
डायबिटीज के मरीज न करें ये आसन
डायबिटीज के मरीजों को कुछ आसन और क्रियाओं से बचना चाहिए। इन मरीजों को कुंबक नहीं करना चाहिए। कुंबक का मतलब अपनी सांसों को रोकना। डायबिटीज के मरीज यदि अपनी सांस को रोकते हैं, तो यह उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है इसलिए ऐसा करने से उन्हें बचना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा देर तक सूर्य नमस्कार भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर का शुगर लेवल नीचे आ सकता है जिससे उनको स्ट्रोक हो सकता है।
खानपान में रखें इन बातों का ध्यान
डायबिटीज के मरीजों को लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ बदलाव करने चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को अपने रोज के खाने को 6 भाग में बांटना होगा। कच्ची सब्जियों का सूप बना कर पीना चाहिए। इससे शरीर का पीएच लेवल सही रहता है। खाने में चावल और रोटी को एक साथ नहीं खाना चाहिए। मैदा से भी परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही शुगर नहीं खानी चाहिए और नमक भी कम लेना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को ज्वार, चने का आटा मिलाकर उसकी रोटी खानी चाहिए। यह उन्हें खाने को पचाने में मदद करता है।
ब्लड प्रेशर में फायदेमंद हैं ये आसन और प्राणायाम
जिन्हें ब्लड प्रेशर की बीमारी है, उन्हें दिनभर में 12 से 14 गिलास पानी पीना चाहिए। आपको बता दें कि ब्लड प्रेशर वाले मरीज को अपनी सांस को रोकना नहीं चाहिए। उन्हें पद्मासन और वज्रासन करने चाहिए। इसके साथ ही सूर्य नमस्कार को भी धीरे-धीरे करना चाहिए। प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, ओम मंत्र का उच्चारण के साथ साथ ध्यान भी करना चाहिए। अनुलोम-विलोम धीरे-धीरे करना चाहिए। ऐसा करने से में शांत होता है। इसके साथ ही गुस्सा भी कम आता है। एक और तरह का ध्यान फायदेमंद है। रात में सोने से पहले घड़ी की आवाज पर ध्यान लगाकर अपने मन में आए विचारों पर काबू किया जा सकता है। शशांक आसन भी ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए बहुत ही लाभदायक है।
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