Air Pollution || Health OPD || Dr. Vikram Jaggi || पराली और दिवाली के पटाखे जलने के बाद दिल्ली की हवा में जहर-सा घुल जाता है। यों भी दिल्ली की आबोहवा में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा रहता है। इस बढ़ते प्रदूषण के बीच अब सवाल उठ रहा है कि क्या घर में पूजा के दौरान हम जो हवन करते हैं और अगरबत्ती धूपबत्ती जलाते हैं, क्या उसका धुआं भी खतरनाक है? क्या यह धुआं भी जानलेवा साबित हो सकता है? यू ट्यूब हेल्थ चैनल हेल्थ ओपीडी ((YouTube Health Channel Health OPD)) पर ऐसे तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं जाने-माने Respiratory Medicine Expert तथा अस्थमा, चेस्ट और एलर्जी सेंटर के डायरेक्टर डॉक्टर विक्रम जग्गी (Dr. Vikram Jaggi, Medical Director of Asthma, Chest & Allergy Centre). Air Pollution || Health OPD || Dr. Vikram Jaggi ||
डॉ. जग्गी के अनुसार जब भी प्रदूषण की बात आती है तो फैक्ट्री, गाड़ियों से निकलने वाले धुए कंस्ट्रक्शन साइट्स और बाहरी प्रदूषण पर हमारा ध्यान तुरंत जाता है लेकिन हम कभी भी इनडोर पॉल्यूशन की बात ही नहीं करते। हम अपने घर के अंदर के प्रदूषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देते हैं। डॉक्टर विक्रम जग्गी ने कहा कि घरों में इस्तेमाल होने वाले चूल्हे, मच्छर मारने की कोइल सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं। यहां तक कि हवन और अगरबत्ती भी वायु प्रदूषण का कारक है।
हेल्थ ओपीडी को दिए इंटरव्यू में डॉक्टर विक्रम जग्गी ने कहा कि घर में होने वाले प्रदूषण से सबसे ज्यादा महिलाएं बच्चें और बुजुर्ग प्रभावित होते हैं। गांवों में अभी कई ऐसे इलाके हैं, जहां लकड़ी के चूल्हे हैं। गोबर से बने उपलों को जलाकर खाना पकाया जाता है। इन चूल्हों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का कारक है। वहीं अगरबत्ती और हवन से निकलने वाले धुएं पर उन्होंने कहा कि हम इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं। पुणे में एक रिसर्च में पाया गया है कि इसका धुआं काफी घातक है।
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