Baby Care Tips: vaccines for child healthvaccines for child health
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Baby Care Tips: छोटे बच्चों का आकस्मिक और बार-बार रोना बहुत ही स्वभाविक है। बच्चे अपनी बात कहने व आपका ध्यान खिंचने के लिए रोते हैं। अपनी परेशानी बताने के लिए उनके पास रोना ही एक साधन होता है। कई बार बच्चे रात को भी रोते हैं। बच्चे कई बार नींद में हल्का सा रोते हैं तो कई बार बहुत अधिक। नींद में बच्चों का रोना माता पिता को परेशान कर देता है। आइयें जानते हैं कि बच्चे नींद में क्यों रोते (Baby Care Tips) हैं और उन्हें रात को शांत कराने के लिए क्या करें। 

1 ) यह भी संभव है की शिशु दिन और रात में भ्रमित होने के कारण दिन में जगा हो और रात में आपका ध्यान प्राप्त करने के लिए रो रहा हो। बच्चा आपको यह बताने की भी कोशिश कर सकता है की वह भूखा है, उसे ठंड या गर्मी लग रही है,वह गीला है, असहज है या ऊब रहा है।

2 ) भूख के लक्षणों को पहचानना आपको शिशु को समय पर भोजन कराने में मदद करेगा और भूख को रोने की स्थिति तक जाने से रोकेगा। नवजात शिशुओं में भूख के लक्षण चिड़चिड़ापन, बेचैनी व हाथ मुंह में डालना।

3 ) पेट दर्द की वजह से शिशु बहुत रोते हैं। अगर आपका शिशु भोजन करने के बाद रोता है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि उन्हें पेट संबंधी समस्याएं हैं। निश्चित बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर से मिलें और उचित उपचार लें। डॉक्टर के परामर्श के बिना शिशु को एंटी-गैस ड्राप या ग्राइप वाटर ना दें।

4 ) बच्चे भी हम बड़ों की तरह नींद में डर जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि बच्चे भी नींद में बुरे सपने देखते हैं। इस डर या बुरे सपनों की वजह से भी बच्चे नींद में रोने लग सकते हैं। क्या करें अगर बच्चा रात को डर की वजह से सोकर उठता है तो उसे थोड़ी देर गोद में रखें। आप उसे रात को अपने पास सुलाकर भी उसके डर को दूर कर सकते हैं। 

5 ) जब आपको लगता है कि शिशु रात में बिना किसी कारण के रो रहा है, तो यह जांचें कि यह दाँत निकलने की वजह से तो नहीं हो रहा है। दाँत निकलने का दर्द चार माह की आयु से ही हो सकता है और यह शिशुओं में अत्यधिक लार गिराने का कारण बनता है और हाथ में आने वाली हर वस्तु को शिशु मुँह में डालता है।

6 ) कुछ शिशु गंदे डाइपर को संभाल सकते है वहीं कुछ इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं और वह इसे साफ कराने के लिए रोना शुरू कर देते है।

7 ) नींद की जरूरत : हालांकि आपको लगता है कि थका हुआ बच्चा फौरन सो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। शिशु सोने से पहले चिड़चिड़ा और अधिक थका होने के कारण रो भी सकता है।

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