माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति बेहद लगाव होता है। वे अपने बच्चों की हर मांग को पूरा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन ऐसा करना परेशानी का भी कारण बनता है। अगर पैरंट्स बच्चे की हर बात मानते हैं तो तय है कि कुछ दिनों बाद वह जिद्दी बन जाएगा। उसकी यह आदत आपको परेशानी में डाल सकती है।
अगर आपका बच्चा ज़िद्दी है तो अपनाए ये उपाए
जरूरी चीजें ही दिलाएंः पहली बार जब आपका बच्चा किसी चीज को लेने की जिद करने लगे, तो सबसे पहले यह देखें कि बच्चे के लिए वह चीज कितनी जरूरी है। बच्चे की जरूरत के हिसाब से बच्चे को चीज दिलवाएं। अगर बच्चे की जिद के आगे आप पहली बार झुक जाते हैं, तो ध्यान रहे दूसरी बार भी बच्चा जिद करेगा। आपको अपनी बात पर अडिग होना जरूरी है।
रिएक्ट न करेंः जिद्दी बच्चों को संभालने का सबसे कारगर तरीका है कि आप उनके बुरे बर्ताव पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया न दें जबकि उनके अच्छे व्यवहार पर हमेशा तारीफ करें। हां, अगर उसका बर्ताव ज्यादा ही खराब हो जाए तो फिर डांटना भी जरूरी है लेकिन यह डांट कभी-कभार और जरूरत होने पर ही लगानी चाहिए।
माता-पिता की हो एक रायः बच्चे की जिद खत्म करने के लिए माता-पिता दोनों की राय एक जैसी होनी चाहिए। अगर मां बच्चे को किसी चीज के लिए ना कर रही हैं तो पिता को भी मां की राय के खिलाफ जाकर बच्चे को वह चीज नहीं दिलानी चाहिए। इससे बच्चा अपनी सारी जिद पिता से पूरी करवाएगा और मां के प्रति अविश्वास जताने लगेगा।
चीजों का महत्व बताएंः जिद्दीपन से बचाने के लिए बच्चे को चीजों को महत्व देना सिखाएं। बच्चे को कभी किसी चीज का लालच न दें, बल्कि कुछ दिनों को बच्चे के लिए स्पेशल रखें, जैसे बच्चे का जन्मदिन, नया साल, बाल दिवस और बच्चों के रिजल्ट वाला दिन। इन दिनों में बच्चे को कुछ सरप्राइज दें। बच्चे को पहले से किसी चीज के देने के बारे में न बताएं। इससे बच्चे की उम्मीदें बहुत बढ़ जाती है और बच्चा अपनी मांग को पूरा करने की जिद पर भी अड़ जाता है।
बच्चे की बात पर गौर करेंः आप चाहते हैं कि आपका जिद्दी बच्चा आपको सुने तो इसके लिए आपको खुद उसकी बात ध्यान से सुननी होगी। मजबूत इच्छाशक्ति वाले बच्चों की राय भी बहुत मजबूत होती है और वे कई बार बहस करने लगते हैं। अगर आप उनकी बात नहीं सुनेंगे तो वे और ज्यादा जिद्दी हो जाएंगे।