advantages-and-disadvantages-of-cooking-oil878
Share on

अच्छी सेहत के लिए एक हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी है। आपका खाना हेल्दी होना चाहिए , इसके लिए आपको जरूरी है कि आप खाने को अच्छे से पकाये। अगर आप खाने में अच्छा कुकिंग ऑइल इस्तेमाल करते हो तो खाने की क्वालिटी और बढ़ जाती है। अगर आप हेल्दी और पौष्टिक खाना बनाते हो लेकिन आप इसके लिए सही ऑइल का यूज ना करके किसी अन्य ऑइल में खाना पकाते हो तो आपके पौष्टिक और हेल्दी खाने के सभी गुण समाप्त हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि कौन से ऐसे कुकिंग ऑइल हम यूज करें, जिससे हमारा खाना हेल्दी रहे और हमारी सेहत भी अच्छी बनी रहें।

ऑलिव ऑइल
चलिए हम सबसे पहले आपको ऑलिव ऑइल के बारे में बताते हैं। ऑलिव ऑइल में हार्ट फ्रेंडली तत्वों पाये जाते है जिसके कारण यह दुनियाभर में काफ़ी मशहूर (पॉपुलर) हो गया है। इसका इस्तेमाल न सिर्फ आपकी डाइट के पोषण में बढ़ोत्तरी करता है, बल्कि इसका यूज करने से आपको कार्डियोवैस्कुलर डिसीज और कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों के पनपने के खतरे को भी कम करने में मददगार होता है।

ऑलिव ऑइल के फायदे के बारे में बात की जाए तो इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स भरपूर मात्रा में होता है। इसके साथ इसमें फाइटोकेमिकल्स तत्व भी होते हैं, जो आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और कैंसर जैसे बड़े बीमारियों के ख़तरे को भी कम करने में सहायक होते हैं।

इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है। इस तेल की स्टोरेज लाइफ़ अन्य तेलों के मुक़ाबले अधिक होती है। इसे फ्रीज़ भी किया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि अगर आप इसे फ्रीज़ करते है तो इसके जो पोषक तत्व होते हैं वह बरक़रार रहेंगे।

इस्तेमाल करते समय ध्यान देने योग्य बातें:
इस तेल का उपयोग करते समय आपको कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। जैसे कि ऑलिव ऑइल का जो फ्लेवर होता है वो बहुत ही स्ट्रॉन्ग होता है। इसीलिए आप इसे हर प्रकार के खाने बनाने में इस्तेमाल नहीं कर सकते है। अगर आप कैलोरीज़ को लेकर चिंतित रहती हैं, तो ऑलिव ऑयल को कम मात्रा में ही यूज करें, क्योंकि इसमें हाई कैलोरीज़ होती हैं। अगर आप इसे गर्म करते हैं तो इसका फ्लेवर तुरंत ही बदल जाता है, क्योंकि जब आप इसे ज़्यादा हीट पर रखते है तो उसको फ्लेवर देनेवाले तत्व ख़त्म हो जाते हैं। तेल को ज्यादा गर्म करने पर जो इसमें परिवर्तन होते हैं, उससे शरीर को नुकसान पहुंचता है। इसलिए इस तेल को हमेशा धीमी आंच पर गर्म करे उपयोग करें।

सोयाबीन ऑइल

अब बात करते है सोयाबीन वेजीटेबल ऑइल की। यह तेल सोयाबीन से प्राप्त होता है। साथ ही इसमें ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा होती है। इसमें विटामिन-ई का बहुत अच्छा स्रोत पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स भी पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है। लेकिन एक रिसर्च अनुसार जब इस तेल को तेज़ आंच पर या डीप फ्राइ के लिए इस्तेमाल किया जाता है तो इसमें एक ख़ास तरह का टॉक्सिन बनता है, जो आपके सेहत के लिए हानिकारक होता है।

इस्तेमाल करते समय ध्यान देने योग्य बातें :
आप जब भी कुकिंग के लिए इस तेल का इस्तेमाल करे तो ध्यान रहे कि आप इसे धीमी आंच पर ही इसका उपयोग करें। वेजीटेबल्स या मीट को हल्का-सा तलने के लिए आप इस तेल का प्रयोग कर सकते है। लेकिन यह सलाद ड्रेसिंग के लिए बहुत अच्छा विकल्प नहीं है।

सनफ्लॉवर ऑइल
सनफ्लॉवर ऑइल का टेस्ट बहुत लाइट होता है, जिसके चलते शेफ इस ऑइल को ज्यादा प्रयोग करते हैं। आप इसे डीप फ्राइ के लिए इस्तेमाल कर सकते है। ज्यादातर लोग अपनी सेहत को ध्यान में रखकर इसका यूज करते हैं। इसमें विटामिन-ई की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही यह आपको कैंसर, इनफेक्शन्स और अनेकों बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

इस्तेमाल करते समय ध्यान देने योग्य बातें
सनफ्लॉवर ऑइल का उपयोग करते समय हमें कुछ सावधानियों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। जैसे कि सनफ्लॉवर ऑइल में कैलोरी कंटेंट की मात्रा बहुत अधिक होता है। इसके साथ इसमें विटामिन-के और विटामिन-ई के अलावा और कोई भी पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में नहीं पाया जाता।

कनोला ऑइल
इस ऑयल का इस्तेमाल करने से आपको ह्रदय रोग का खतरा कम होता है। इन दिनों यह ऑइल न्यूट्रिशनिस्ट का फेवरेट बना हुआ है। साथ ही इस ऑइल को फिज़िशियन्स भी लेने के लिये रिकमेंड करते हैं। इस कनोला ऑयल में सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा बहुत ही कम पाया जाता है। इनमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। इसके अलावा इसमें अन्य तेलों के मुक़ाबले सबसे अच्छा और हेल्दी फैटी एसिड का कंपोज़िशन पाया जाता है।

इस्तेमाल करते समय ध्यान देने योग्य बातें
इस तेल की बात करें तो अन्य तेलों की अपेक्षा यह तेल जल्दी ख़राब हो जाता है। अगर आपको अपने खाने में एक्स्ट्रा फ्लेवर चाहिए, तो कनोला ऑइल लोगों की पहली पसंद नहीं होगी, क्योंकि कनोला ऑइल स्वाद में बहुत ही लाइट और माइल्ड होता है।

नारियल का तेल
नारियल के तेल को तो सर्वश्रेष्ठ तेलों में से एक माना जाता है। रिसर्च के अनुसार, कोकोनट ऑयल के इस्तेमाल से आपका पाचन तंत्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होता है। इसके साथ ही यह ऑयल आपके स्किन के लिए भी काफ़ी फ़ायदेमंद होता है इस ऑयल में पाए जाने वाले एंटीएजिंग के प्रभाव को भी सभी जानते हैं। लेकिन कोकोनट ऑयल में सैचुरेटेड फैट अधिक होने के कारण यह आपके ब्लड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और अगर आप इसका अधिक या निरंतर सेवन करते है तो यह आपकी बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है।

सरसों का तेल
इस तेल में एंटीसेप्टिक गुण पाये जाते है जो आपके गले की तकलीफ़, दमा, ब्रॉन्काइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाने का काम करता है। इसके स्ट्रॉन्ग फ्लेवर के चलते यह आपके पाचन शक्ति में वृद्धि कर भूख को बढ़ाता है। आपको बता दें कि इसमें यूरिक एसिड की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिस वजह से आपकी सेहत को नुक़सान पहुंच सकता है। अक्सर देखा गया है कि लोग सरसों के तेल को बहुत अधिक गर्म करके यूज़ करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि जब इसे अधिक गर्म किया जाता है तो इसमें मौजूद ओमेगा-3 नष्ट हो सकता है और इसके पोषक तत्व भी कम हो सकते हैं।

Health OPD को आप Facebook, Twitter पर जरूर फॉलो करें। हेल्थ से जुड़ी विश्वसनीय जानकारी के लिए आप हमारा YouTube चैनल जरूर सब्सक्राइब करें। फीडबैक या शिकायत के लिए आप हमें [email protected] पर मेल कर सकते हैं।

Featured News

Sex and Relationship News

YouTube Video

Wellness News