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Best Cookin Oil: खाना पकाने से ज्यादा मज़ा खाना खाने में आता है। लेकिन खाना पकाने में जिस तेल का हम इस्तेमाल कर रहे हैं, वह कितना अच्छा है? यह जानना भी उतना ही जरूरी है। खाना पकाने के लिए हम कई तरह के तेल का उपयोग करते हैं। कोई सरसों का तेल इस्तेमाल करता है, तो कोई ऑलिव ऑयल, नारियल का तेल, एवोकाडो ऑयल, कनोला ऑयल, मूंगफली का तेल, पामोलिन ऑयल, अलसी का तेल आदि का। तेल हमारे खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, पर उतना ही सेहत पर भी असर डालते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कौन सा तेल सेहत के लिए सबसे अच्छा है।

एक महीने में एक व्यक्ति को कितना तेल खाना चाहिए?
किसी के लिए भी ज्यादा तेल और घी खाना खतरनाक हो सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार, एक व्यक्ति को एक दिन में 3 चम्मच तेल या घी का इस्तेमाल करना चाहिए, वहीं महीने में लगभग आधा लीटर तेल का उपयोग करना सही है।

घी और तेल का नुकसान क्या है?
घी और तेल खाने से वजन बढ़ता है क्योंकि इनमें बहुत ज्यादा कैलोरीज होती हैं। एक चम्मच तेल में लगभग 120 कैलोरीज होती हैं। इसके अलावा, खाने में तेल या घी ज्यादा खाने से दिल की बीमारी का कारण बन सकता है।

फैट कितने प्रकार के होते हैं?
फैट तीन प्रकार के होते हैं: सैचुरेटेड, अनसैचुरेटेड और ट्रांस फैट। आपको बता दें कि ट्रांस फैट हमारे लिए सबसे नुकसानदायक होते हैं। सैचुरेटेड फैट भी ज्यादा मात्रा में खाने पर नुकसानदायक होते हैं। वहीं अनसैचुरेटेड फैट को हम हेल्दी फैट्स की श्रेणी में रख सकते हैं।

तेल खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?
तेल खरीदते वक्त ध्यान दें कि उसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 दोनों होना चाहिए, लेकिन ओमेगा 3 की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए। ओमेगा 3 के स्रोत काफी कम होते हैं। ओमेगा 3 राजमा, फिश, अखरोट में मिलता है। वहीं ओमेगा 6 ज्यादातर अनाज में मिलता है, इसलिए हमें यह आसानी से मिल जाता है।

किस तेल की क्या खासियत है?
सरसों तेल, मूंगफली का तेल, ऑलिव ऑयल, और राइस ब्रान में मूफा की मात्रा ज्यादा होती है। जबकि सफोला, सनफ्लावर और कनोला में पुफा की मात्रा कम होती है। वहीं ऑलिव ऑयल, कनोला ऑयल, सोयाबीन, सनफ्लॉवर, और सरसों के तेल को अच्छे तेल की श्रेणी में रखा जा सकता है।

सरसों का तेल
इसमें मोनो अनसैचुरेटेड और ओमेगा 3 दोनों ही बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं। इसलिए यह हमारे दिल के लिए अच्छा है। साथ ही यह हमारे पाचन को बेहतर करता है और भूख को बढ़ाता है।

ऑलिव ऑयल
इसमें मूफा ज्यादा होता है और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी भी होती है। साथ ही यह आर्थराइटिस के दर्द से भी राहत दिलाता है।

कनोला ऑयल
कनोला सीड्स में ओमेगा 3 अच्छी मात्रा में होता है यानी गुड फैट्स ज्यादा हैं। साथ ही सैचुरेटेड फैट कम होता है और स्मोकिंग पॉइंट्स भी मीडियम होते हैं। यानी कुल मिलाकर यह एक बढ़िया तेल है।

सनफ्लॉवर ऑयल
इस तेल में पूफा और मूफा दोनों का अच्छा बैलेंस होता है। ओमेगा 6 और विटामिन ई भी होता है, जो हमारे बॉडी सेल्स को जवान रखता है। स्मोकिंग प्वाइंट हाई होता है, इसलिए इसे डीप फ्राई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही यह कैंसर से बचाने में मदद करता है। वहीं यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और शुगर के पेशेंट्स के लिए अच्छा तेल नहीं है।

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