1. RT-PCR टेस्ट का इंतजार (Waiting for RT-PCR test Report)
ज्यादातर लोग आरटीपीआर टेस्ट कराए बिना यह मानने को तैयार नहीं होते कि उन्हें कोरोना (coronavirus patients doing these 7 mistakes) है। टेस्ट की रिपोर्ट आने में कई दिन निकल जाते हैं। तब तक कई बार स्थिति गंभीर हो जाती है। टेस्ट का इंतजार करे बिना लक्षण नजर आते ही अपने डॉक्टर से सलाह लें। (coronavirus patients doing these 7 mistakes)
2. देर से इलाज शुरू करना (Start treatment late)
करीब 80-85 फीसदी मरीजों में कोरोना गंभीर नहीं होता लेकिन जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, डायबिटीज़,अस्थमा, सीओपीडी आदि तो कोरोना गंभीर रूप ले लेता है। ऐसे मरीजों को तुरंत ब्लड थिनर और स्टेरॉयड की जरूरत होती है। अगर शुरुआत में इलाज नहीं मिलता तो हालत गंभीर हो जाती है।
3. CRP टेस्ट न कराना (CRP Test)
ज्यादातर लोग आरटीपीसीआप टेस्ट कराने के पीछे तो पड़े रहते हैं लेकिन सीआरपी टेस्ट नहीं कराते, जबकि इस टेस्ट से शरीर में मौजूद इन्फ्लेमेशन का पता लगता है। अपने डॉक्टर से पूछकर सीआरपी टेस्ट जरूर कराएं। बुखार आने के 5वें दिन इसकी रीडिंग 5 और 10वें दिन 10 से कम होनी चाहिए। इससे ज्यादा है तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
4. पेन किलर और एंटीबायोटिक दवाएं लेना (Taking pen killers and antibiotics)
कोविड के बहुत सारे मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के पेन किलर और एंटी-बायोटिक दवाएं ले रहे हैं। कोरोना एंटी-बायोटिक दवाओं से ठीक नहीं होता क्योंकि यह वायरल है न कि बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी। ज्यादा एंटी-बायोटिक लेना आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाता है। बिना डॉक्टर से पूछे कोई दवा न लें।
5. आयुर्वेदिक इलाज के भरोसे रहना (Relying on Ayurvedic treatment)
आयुर्वेद की कुछ दवाएं कोरोना के इलाज में थोड़ी असरदार हो सकती हैं लेकिन इन्हें भी एलोपैथी के साथ ही लें और वह भी किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की देखरेख में। यूं भी पैंडेमिक एक्ट के तहत खाली आयुर्वेदिक दवा से इलाज नहीं किया जा सकता। अपनी मर्जी से कोई भी आयुर्वेदिक दवा खाने से बेहतर है, घरेलू नुस्खे इस्तेमाल करें जैसे कि स्टीम लेना, गरारे करना, हल्दी, अदरक, तुलसी का काढ़ा लेना आदि।
6. ऑक्सीजन लेवल जबरन बढ़ाने की कोशिश (Trying to increase the oxygen level forcibly)
कोरोना के मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कई बार गिर जाता है। लोग घबराकर फौरन ऑक्सिजन लेने लगते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक 90 तक ऑक्सीजन लेवल में चिंता करने की जरूरत नहीं है। 93-95 हो तो अच्छा है लेकिन इसे जबरन 99 करने की कोशिश न करें। ऑक्सीजन गंभीर मरीजों के लिए रहने दें, जिन्हें वाकई इसकी ज्यादा जरूरत है।
7. असेंशियल दवाओं को इग्नोर करना
कोविड-19 में कई दवाएं दी जाती हैं। कई बार लोग 10 में से 8 दवाएं ले लेते हैं और 2 मिल नहीं पा रहीं तो छोड़ देते हैं। लोगों को लगता है कि 1-2 दवा नहीं मिली तो कोई बात नहीं लेकिन यहीं बहुत बड़ी गलती हो जाती है। जो दवा असेंशियल है, ज्यादातर वही मार्केट में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पूरी दवा लें और कोई दवा नहीं मिल रही तो डॉक्टर से पूछकर दूसरी दवा लिखवा लें। इसके अलावा, एक और बड़ी गलती लोग कर रहे हैं सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे मैसेज के अनुसार दवाएं ले रहे हैं। बिना डॉक्टर से पूछे कोई दवा न खाएं।
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