Harad: हरड़ को हर्रे, हरितकी या इसे Terminalia chebula भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटी मानी जाती है। इसे त्रिफला का एक मुख्य घटक भी माना जाता है। आयुर्वेद में इसे रोग नाशक, पाचन सुधारक और श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी माना गया है। खांसी, विशेष रूप से बलगमी (कफयुक्त) और शुष्क (सूखी) खांसी के लिए हरड़ (Harad) अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।
हरड़ के खांसी में लाभ
1. कफ निकालने में मदद: हरड़ का सेवन बलगम को ढीला करने और बाहर निकालने में सहायक होता है।
2. गले की खराश से राहत: हरड़ में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की सूजन और जलन को कम करने में मदद करते हैं।
3. इम्यूनिटी सिसस्टम होता है मजबूत: हरड़ में एंटीऑक्सिडेंट और इम्यूनिटी सिस्टम की क्षमता बढ़ाने वाले तत्व होते हैं, जो इंफेक्शन से बचाते हैं।
4. सूखी खांसी में आराम: यदि किसी को सूखी खांसी है, तो हरड़ का सेवन गले में नमी बनाए रखने और जलन को कम करने में सहायक होता है।
5. श्वसन तंत्र को शुद्ध करता है: यह फेफड़ों और श्वसन नलियों को साफ करने में मदद करता है, जिससे अस्थमा और पुरानी खांसी में भी आराम मिलता है।
खांसी के लिए हरड़ के उपयोग के तरीके
1. हरड़ और शहद:
सामग्री: आधा चम्मच हरड़ चूर्ण, एक चम्मच शहद
विधि: हरड़ पाउडर को शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।
दिन में 2 बार इसका सेवन करने से खांसी और गले की खराश में राहत मिलेगी।
फायदे: यह मिश्रण गले को कोट करता है और संक्रमण को कम करता है।
2. हरड़ का काढ़ा:
सामग्री: 1 चम्मच हरड़ पाउडर, 2 कप पानी, अदरक का छोटा टुकड़ा, थोड़ा-सा गुड़
विधि: पानी में हरड़ पाउडर और अदरक डालकर उबालें।
जब पानी आधा रह जाए, तो इसमें गुड़ मिलाएं और हल्का गर्म ही पिएं।
फायदे: यह बलगम को पतला करता है और गले में चिपके कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
3. हरड़ और घी:
सामग्री: ½ चम्मच हरड़ पाउडर, 1 चम्मच देसी घी
विधि: हरड़ पाउडर को घी में मिलाकर रोज सुबह खाली पेट सेवन करें।
फायदे: यह सूखी खांसी और गले की खुजली में राहत देता है।
4. हरड़ और काली मिर्च:
सामग्री: ½ चम्मच हरड़ पाउडर, ¼ चम्मच काली मिर्च पाउडर, शहद
विधि: दोनों पाउडर को शहद में मिलाकर दिन में 1-2 बार सेवन करें।
फायदे: यह बैक्टीरियल इंफेक्शन को खत्म करता है और बलगम निकालने में मदद करता है।
5. हरड़ की भस्म और मिश्री:
सामग्री: हरड़ की भस्म (हरड़ को जलाकर बनाई गई राख), मिश्री
विधि: इसे बराबर मात्रा में मिलाकर चूसने से खांसी में तेजी से आराम मिलता है।
फायदे: यह गले की खराश और सूखी खांसी को ठीक करता है।
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सावधानियांः
हरड़ का अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन या लूज मोशन का कारण बन सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हरड़ का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
यदि खांसी लंबे समय तक बनी रहती है या अन्य लक्षण (जैसे बुखार, कमजोरी) हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें।
हरड़ एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है जो खांसी, गले की समस्याओं और श्वसन तंत्र से जुड़ी परेशानियों में राहत देता है। इसके नियमित और सही तरीके से सेवन से खांसी में जल्दी आराम मिल सकता है।
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