दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। युवाओं में हार्ट अटैक के मामले पिछले 15 साल में 100 फीसदी बढ़ गए हैं। ऐसे में दिल को दुरुस्त रखने के लिए एहतियात बरतना जरूरी है। बदलती जीवनशैली, शारीरिक श्रम से दूरी और धूम्रपान से आज युवाओं को भी ह्दय के रोग होने लगे हैं। ऐसे में सभी को यह जानना चाहिए कि ह्दय की बीमारी होने के क्या लक्षण हैं।
हृदय शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। मनुष्य में यह छाती के मध्य में, थोड़ी सी बाईं ओर स्थित होता है और एक दिन में लगभग एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है। यह हर धड़कन के साथ शरीर में रक्त को धकेलता करता है। हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त के द्वारा मिलता है जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है।
धड़कन या दिल की धड़कन बढ़ जाना : जब हार्ट ज़रूरत के मुताबिक खून पंप नहीं कर पाता है, तो सभी अंगों तक खून पहुंचाने के चक्कर में तेज़ी से खून पंप करने लगता है। तेज़ी से खून पंप करने का मतलब है, एक मिनट में दिल सामान्य से कहीं ज़्यादा धड़कता है। अगर ऐसा है तो डॉक्टर से मिलने का वक़्त आ गया है ताकि आप इस परेशानी की वजह जान सकें।
सांस लेने में तकलीफ़ : शारीरिक मेहनत के दौरान सांस लेने में तकलीफ़ होना आम बात है, लेकिन अगर आपको आराम करते वक़्त या सोते वक़्त भी ऐसा हो, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। बहुत से लोग बिस्तर पर सीधा लेटने पर भी ठीक से सांस नहीं ले पाते हैं। ऐसा तब होता है जब दिल तक पहुंचने वाला खून इतना ज़्यादा होता है कि वह उसे ठीक से पंप नहीं कर पाता है।
हार्ट अटैक : अगर सीने के बीचोंबीच तेज दर्द हो, दर्द लेफ्ट बाजू की ओर बढ़ता महसूस हो, सीने पर पत्थर जैसा दबाव महसूस हो, काफी घबराहट/बेचैनी हो, पसीना आए, लगे कि किसी ने दिल को जकड़ लिया है और दर्द कम होने के बजाय बढ़ता जाए तो हार्ट अटैक की आशंका होती है। अगर आपके हार्ट की धमनियों में कॉलेस्ट्रॉल जमा होने से कुछ ब्लॉकेज है लेकिन अचानक से वह फट जाए और नली को ब्लॉक कर दे तो हार्ट अटैक होता है।
एडीमा या सूजन : क्या इन दिनों आपके जूते तंग महसूस हो रहे हैं? या, क्या आपको अपनी एड़ियों के आसपास सूजन दिखाई देती है? क्या आपको ऐसा लगता है कि हाल ही में आपके पेट के आस-पास वजन बढ़ गया है? यह इस बात का इशारा हो सकता है कि आपके शरीर में द्रव (फ्लूइड) इकट्ठा हो रहा है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका दिल ठीक से पंप नहीं हो रहा है और चूंकि खून नसों के हार्ट पूल में वापस नहीं जाता है, इससे सूजन आ जाती है।
थकावट और थकान : अगर आप रोज़मर्रा के मामूली काम करने में भी थक जाते हैं, जैसे शॉपिंग करना या किराने का सामान उठाना, तो यह समझ लें कि डॉक्टर से बात करने का वक़्त आ गया है । जब आपका दिल इतना खून पंप नहीं करता है कि वह शरीर के अहम अंगों तक पहुंच पाए, तो शरीर मांसपेशियों का खून इन अंगों को भेज देता है। इस वजह से आपकी मांसपेशियां अपने रोज़मर्रा के काम निपटाने में थक जाती हैं।
बचाव के लिए टेस्ट : 40 साल की उम्र में ब्लड प्रेशर (BP) और कॉलेस्ट्रॉल के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करा लें। अगर रिस्क फैक्टर (फैमिली हिस्ट्री, स्मोकिंग, शराब पीना आदि) हैं तो 25 साल से ही टेस्ट कराएं। अगर सब कुछ ठीक निकलता है तो 2 साल में एक बार टेस्ट करा लें। अगर समस्या लगती है तो डॉक्टर ईसीजी और इको कराने के लिए कहते हैं।