Hypothyroidism | नई दिल्लीः हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism) एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरॉयड हॉर्मोन (T3 और T4) नहीं बना पातीं। यह हॉर्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा स्तर, हृदय गति और संपूर्ण शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हाइपोथायरॉयडिज्म के कारण
- आयोडीन की कमी – आयोडीन की कमी से थायरॉयड ग्रंथि कमजोर हो जाती है और हॉर्मोन का उत्पादन कम हो जाता है।
- हाशिमोटो थायरॉयडिटिस – यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करता है।
- रेडिएशन या सर्जरी – गर्दन में रेडिएशन थेरेपी या थायरॉयड ग्रंथि को निकालने की सर्जरी भी इसका कारण बन सकती है।
- हॉर्मोनल असंतुलन – पिट्यूटरी ग्लैंड की समस्याएं भी थायरॉयड हॉर्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं।
- जेनेटिक कारण – कुछ लोगों में जन्मजात रूप से थायरॉयड की समस्या हो सकती है।
- अन्य बीमारियां– डायबिटीज, पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और अन्य हॉर्मोनल विकार भी हाइपोथायरॉयडिज्म से जुड़े हो सकते हैं।
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हाइपोथायरॉयडिज्म के लक्षण
थकान और कमजोरी
वजन बढ़ना
ठंड सहन न कर पाना
बालों का झड़ना और त्वचा का रूखापन
अवसाद और चिड़चिड़ापन
याददाश्त में कमी और मानसिक धुंधलापन (Brain Fog)
कब्ज और अपच
हृदय गति धीमी होना
मासिक धर्म में अनियमितता
हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism) में किन चीजों से बचना चाहिए?
हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism) के मरीजों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। कुछ खाद्य पदार्थ थायरॉयड हॉर्मोन के उत्पादन को बाधित कर सकते हैं और बीमारी को बढ़ा सकते हैं।
- गोइट्रोजन युक्त खाद्य पदार्थ
गोइट्रोजन (Goitrogen) वे पदार्थ होते हैं जो थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन को बाधित कर सकते हैं। ये मुख्य रूप से क्रूसीफेरस सब्जियों (Cruciferous Vegetables) में पाए जाते हैं।
बंदगोभी (Cabbage)
फूलगोभी (Cauliflower)
ब्रोकली (Broccoli)
सरसों के पत्ते (Mustard Greens)
सोया और सोया उत्पाद (Soy, Tofu, Soy Milk)
शलगम और मूली (Turnip and Radish)
- यदि आप इन सब्जियों को खाना चाहते हैं तो इन्हें पकाकर खाएं क्योंकि पकाने से इनमें मौजूद गोइट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है।
- सोया और सोया उत्पाद
सोया में आइसोफ्लेवोन्स (Isoflavones) होते हैं जो थायरॉयड हॉर्मोन के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं।
सोया मिल्क
टोफू
सोया सॉस - अधिक मात्रा में शर्करा और प्रोसेस्ड फूड्स
हाइपोथायरॉयडिज्म मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अत्यधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स से बचना चाहिए।
मिठाइयां
सफेद ब्रेड और मैदा
फास्ट फूड
पैकेज्ड स्नैक्स (चिप्स, बिस्किट) - कैफीन और अल्कोहल
कैफीन (Caffeine) और अल्कोहल (Alcohol) थायरॉयड ग्रंथि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और हॉर्मोनल असंतुलन बढ़ा सकते हैं।
चाय और कॉफी की अधिक मात्रा
शराब
कोल्ड ड्रिंक्स - ग्लूटेन युक्त आहार
कई शोधों में पाया गया है कि हाइपोथायरॉयडिज्म से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन (Gluten) से बचना चाहिए क्योंकि यह आंतों की सेहत को प्रभावित कर सकता है।
गेहूं और मैदा
जौ और राई
पेस्ट्री और केक - अत्यधिक फाइबर युक्त भोजन
हालांकि फाइबर पाचन के लिए अच्छा होता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में फाइबर लेना थायरॉयड हॉर्मोन के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है। - अधिक मात्रा में आयरन और कैल्शियम सप्लीमेंट्स
अगर आप हाइपोथायरॉयडिज्म के लिए दवाएं ले रहे हैं तो आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें, क्योंकि ये दवाओं के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं।
थायरॉयड के लिए फायदेमंद आहार
अब जब हमने उन खाद्य पदार्थों की बात कर ली है जिन्हें नहीं खाना चाहिए, तो आइए उन चीजों को भी जानें जो हाइपोथायरॉयडिज्म में फायदेमंद होती हैं:
✅ आयोडीन युक्त आहार – समुद्री नमक, मछली, अंडा, दही
✅ सेलेनियम युक्त आहार – ब्राजील नट्स, सूरजमुखी के बीज, ट्यूना मछली
✅ जिंक युक्त आहार – मांस, दालें, नट्स
✅ ओमेगा-3 फैटी एसिड – अखरोट, अलसी, मछली
✅ विटामिन-डी – सूरज की रोशनी, अंडे, मशरूम
✅ एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार – फल और हरी सब्जियां
निष्कर्ष
हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism) एक आम लेकिन गंभीर स्थिति है जिसे सही आहार और जीवनशैली के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। गोइट्रोजन युक्त सब्जियां, सोया, प्रोसेस्ड फूड, कैफीन और अत्यधिक फाइबर से बचना चाहिए। वहीं, आयोडीन, सेलेनियम, ओमेगा-3 और जिंक युक्त आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि आपको हाइपोथायरॉयडिज्म है तो अपने डॉक्टर से नियमित परामर्श लें और अपने आहार को संतुलित करें ताकि आप स्वस्थ और एनर्जिटिक रह सकें।
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