घुटने का दर्द एक आम समस्या बनती जा रही है। आपके आसपास भी ऐसे बहुत-से लोग होंगे, जो अक्सर घुटने में दर्द की शिकायत करते होंगे। वास्तव में यही वह अंग है जो हमारे शरीर का बोझ उठाता है, इसलिए घुटने के जोड़ों में दर्द काफी कष्टकारी होता है।
अनेक ऐसे लक्षण हैं जिससे घुटने के जोड़ों की खराबी का पता चलता है। जैसे घुटने के जोड़ों में हमेशा दर्द रहना या घुटना मोड़ने पर कट की आवाज आना। कई बार दर्द इतना बढ़ जाता है कि साधारण काम जैसे उठने, बैठने, चलने−फिरने से भी घुटने में काफी दर्द होता है। लंगड़ा कर चलना, चलने में दिक्कत होना, पैरों का टेढ़ा होना आदि इसके अन्य लक्षण हैं।
घुटने के दर्द की कुछ वजहें हैं:
- अति संवेदनशीलता, तनाव या जोड़ों पर सीधा दबाव ( जैसे कि बार-बार घुटने टेकना)
- पैरों या घुटनों का फ्रैक्चर जिसका ठीक से इलाज न किया गया हो!
- एक जोड़ से जुड़ी हुए टेंडोनिटिस (सूजन और जलन)
- बढ़ती उम्र और वजन ज्यादा होना
बढ़ती उम्र के साथ−साथ इन जोड़ों में घिसने की प्रवृत्ति भी पाई जाती है। होता यह है बढ़ती उम्र के साथ इन जोड़ों में विकृति आ जाती है। कई बार जोड़ों के पास की हड्डी घिसने या टूटने से भी जोड़ प्रभावित होते हैं। यदि लिगामेंट अथवा मेनीसकस फट जाते हैं तो भी जोड़ में अस्थिरता आ जाती है। इससे रोगी को सदैव घुटने में दर्द महसूस होता रहता है।
अत्यधिक मोटापे तथा मेहनत न करने के कारण भी यह रोग हो जाता है क्योंकि प्रायः ऐसे लोगों में मेटाबॉलिक रेट ठीक नहीं होगा और मसल्स भी ठीक से काम नहीं करतीं। जोड़ों में किसी प्रकार के कीटाणु भी यह समस्या पैदा कर देते हैं। फॉस्फोरस की कमी से भी जोड़ों में दर्द हो जाता है क्योंकि फॉस्फोरस की कमी से जोड़ों में चिकनाई कम होने लगती है।