Solution to problems occurring during periods: साधारण रुप से महिलाओं को पीरियड्स 28 दिनों के चक्र में आते हैं। लेकिन जब यह 28 दिन का चक्र पूरा ना करते हुए पहले या बाद में आने लगे तो यह अनियमित महावारी की ओर इशारा करता है। महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रॉन नामक 2 प्रमुख हार्मोंस पाये जाते है ,जबकि टेस्टोस्टेरॉन (पुरुष हार्मोंस) भी महिलाओं के शरीर में कम मात्रा में बनता है। जिनमें गड़बड़ी से महावारी अनियमित हो जाती है। खानपान में गड़बड़ी, खराब लाइफस्टाइल इसका मुख्य कारण है। तनाव भी प्रमुख है जिसका सीधा असर एस्ट्रोजन और प्रोजस्ट्रॉन हार्मोंस पर पड़ता है।
1 ) अनियमित पीरियड्स के कारण महिलाओं में चिड़चिड़ापन, थकान, स्तनों में असहजता, पेट में दर्द या सूजन, सिरदर्द, उदासी, चिंता, डिप्रेशन जैसी समस्या पनपती है। इससे पहले यह समस्या और अधिक बढ़ जाए अपनाएं कुछ घरेलू उपाय ।इससे निपटने का आसान तरीका है आराम करना। अगर इस परेशानी से गुजर रहे हैं तो चुप रहने के बजाय ऐसे लोगों से बात करें जो कुछ इसी तरह का अनुभव कर रहे हों। इससे
भावनात्मक रूप से शांति मिलेगी, क्योंकि इस सिंड्रोम में भावनाओं की उथल-पुथल होती है ।
2 ) यदि पेट फूला हुआ महसूस हो रहा है या उदास महसूस कर रहे हैं, तो चीनी और वसा जैसे सरल कार्बोहाइड्रेट आहार से कम कर लें और फलों, सब्जियों व साबुत अनाज जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट का ज्यादा सेवन करें। पीएमएस से पीड़ित होने पर वजन कम करने के लिए लो कार्ब डाइट न लें। शरीर में सरल कार्बोहाइड्रेट को कम करने और जटिल कार्बोहाइड्रेट को बढ़ाने से लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है और शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाता है।
3 ) खुद का एक एक्सरसाइज रूटीन बनाएं। एक्सरसाइज न केवल सही वजन बनाए रखने में मदद करती है, बल्कि पीएमएस से निपटने में भी सहायक होती है। ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, स्विमिंग या डांस रोजाना 30 मिनट करें। इस तरह के एरोबिक एक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं, तनाव कम करते हैं और मस्तिष्क को अधिक हैप्पी हॉर्मोन रिलीज करते हैं।
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