ऐसा अनुमान है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। लेकिन क्या सच में ऐसा है, इस पर एक्सपर्ट्स की अपनी अलग-अलग राय है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है जबकि कुछ का कहना है कि इससे उतना नुकसान नहीं होगा। इस बारे में सीनियर पीडियाट्रिशन ने बताया कि वैज्ञानिकों ने कयास लगाए हैं कि कोरोना की तीसरी आएगी। आगे और भी आ सकती है लेकिन इसका नुकसान कैसे और कितना होगा, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है और इससे डरने की जरूरत नहीं है।
सीनियर पीडियाट्रिशन डॉ. अव्यक्त अग्रवाल के अनुसार जरूरी नहीं कि बच्चों को तीसरी लहर में नुकसान होगा। लेकिन सच यह है कि दूसरी लहर में भी कई बच्चें प्रभावित हुए हैं लेकिन टेस्ट नहीं होने से उनके मामले सामने नहीं आ पाते। अगर परिवार में किसी को कोरोना होता है और ऐसे में बच्चों की भी तबीयत खराब हो जाती है तो हम उन्हें पॉजिटिव मानकर ही इलाज करते हैं। खास बात यह है कि बच्चे इस वायरस से जल्दी रिकवर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि टीवी न्यूज देखकर लोगों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। इस बात के सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। कयासों का कोई मूल आधार नहीं होता, लेकिन हमें तैयार रहने की जरूरत है। यह कितना खतरनाक होगा कितना नहीं, इस बारे में सोचकर अपनी चिंता न बढ़ाएं। बस सावधानी बरतने की जरूरत है। बता दें कि बीते साल करीब 11 फीसदी बच्चे कोविड का शिकार हुए थे।
बच्चों हो सकते हैं ये लक्षण
कोरोना की तीसरी लहर में अलग लक्षण हो सकते हैं। पहले बच्चों में खांसी होने के ही लक्षण देखे जा रहे थे लेकिन अब उनमें और भी कई तरह के लक्षण दिख रहे हैं। बच्चों में निम्न लक्षण हो सकते हैं।
- लंबे समय तक बुखार रहना
- लूज मोशन यानी दस्त लगना
- उल्टी आना और पेट में दर्द होना
- बच्चे के हाथ-पैर में सूजन आना
- मासपेशियों में दर्द होना
- सूखी खांसी होना
- शरीर और पैर में लाल चकत्ते पड़ना
- होंठ लाल होना या फटना
- चेहरा नीला पड़ना
- बच्चे में चिड़चिड़ापन होना
- पहले की अपेक्षा ज्यादा सोना
सांस से जुड़ी ये एक्सरसाइज करवाएं
बच्चे को गुब्बारा फुलाने के लिए दें। इससे उनके लंग्स मजबूत रहेंगे। कोविड लंग्स पर भी अटैक करता है। सोशल मीडिया पर ब्रीदिंग एक्सरसाइज से जुड़े तमाम वीडियो मिल जाएंगे। उन्हें देखें, खुद भी करें और बच्चों को भी ये प्रेक्टिस करवाएं।
बच्चों की डाइट
बच्चों को गुनगुना पानी पीने को दें । इससे संक्रमण का खतरा कम होता है। रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध दें। इससे बेक्टीरियल इंफेक्शन और वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है। इसके साथ ही उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फलों और सब्जियों का सेवन कराएं। खट्टे फल जरूर खिलाएं।
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