Covid-19 RT-PCR Test Report: कोरोना वायरस के कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जिनमें सारे लक्षण तो कोविड के हैं, लेकिन RT-PCR जांच में संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हो रही है। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने ऐसे लोगों को उनका सीटी स्कैन या छाती का एक्स-रे कराने की सलाह दी है। दरअसल, कोरोना के स्ट्रेन के लगातार म्यूटेट करते रहने की वजह से कई बार RT-PCR जांच में वायरस पकड़ में नहीं आता।
ICMR के मुताबिक, वर्तमान RT-PCR जांच में कोविड के नए स्वरूपों का भी पता चल रहा है। RT-PCR जांच में 80 फीसदी मामलों में सही नतीजा निकल आता है लेकिन 20 फीसदी मामलों में हो सकता है कि नतीजे सही नहीं मिलें। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस मामले कहा कि ‘यदि नमूना ठीक से नहीं लिया गया है या फिर जांच समय से पहले कर ली गई या जब तक इन्फेक्शन अधिक नहीं फैला हो तो रिपोर्ट में इन्फेक्शन की पुष्टि नहीं होगी। इसलिए अगर किसी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण हैं तो कोविड-19 का पता लगाने के लिए लैब की रिपोर्ट, सीटी/चेस्ट एक्स-रे के मुताबिक इलाज शुरू किया जाना चाहिए। 24 घंटे बाद फिर से जांच करानी चाहिए।’
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा का कहना है कि ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मिले वायरस के स्वरूप का RT-PCR जांच में पता लग जाता है। हालांकि कुछ मामलों में संक्रमण का पता नहीं चल पाता है। ऐसे में डॉक्टरों की राय है कि केवल RT-PCR जांच के परिणाम पर निर्भर रहने के बजाय लक्षण और सीटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर इलाज किया जाना चाहिए।
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