Good sleeping benefits: आधुनिकता के मौजूदा दौर या कहें कि जबपूरी दुनिया 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन काम करती है तो ऐसे में क्या रात में नौकरी करना जरूरी है? बड़ा सवाल यह है कि रात में नौकरी करने से लोगों की सेहत पर क्या असर पड़ता है? वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट और नींद विशेषज्ञ डॉ. मनवीर भाटिया बता रही हैं कि नींद पूरी नहीं होने से किस तरह हमारे दिमाग पर गहरा असर पड़ता है।
याददाश्त कमजोर होना
भागदौड़ भरी जिंदगी में दिन-रात काम करने से अकसर लोगों की रात की नींद पूरी नहीं होती है। इससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डॉक्टरों के अनुसार यदि हमारी नींद पूरी नहीं होती है तो याददाश्त कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। बता दें, रात में सोते समय हमारे दिमाग में क्लीनिंग प्रक्रिया शुरू होती है। ऐसे में जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, उनकी याददाश्त कमजोर होती है। क्लीनिंग प्रक्रिया में जो चीजें जरूरी नहीं होतीं, उन्हें हटाया जाता है। इसके साथ ही याददाश्त को स्टोर करने के लिए जगह बनती है।
तनाव या बीमारी नींद नहीं आने की वजह
बिस्तर पर जाने पर 15 से 20 मिनट में हमें हल्की नींद आना शुरू हो जाती है। कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें तकिए पर सिर रखते ही नींद आ जाती है। बमुश्किल पांच मिनट में। ऐसे लोगो की स्लीप ड्राइव यानी टेंडेंसी टू फॉल बहुत हाई होती है। ऐसा नींद पूरी न होने की वजह से होता है या थकान की वजह से ऐसा हो सकता है। ऐसा होना दिमाग के लिए ठीक नहीं है। वहीं जिन लोगों को 15 से 20 मिनट या आधे घंटे में नींद आती है तो इसे स्लीप ऑन सेट कहते हैं। ऐसे में यदि नींद पूरी नहीं होती है तो दिमाग पर इसका असर पड़ने से याददाश्त कमजोर हो सकती है।
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