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Oxygen Concentrator: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाने से कई लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) इस महामारी में काफी मददगार साबित हो रहा है। खास बात यह है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को घर पर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन सवाल ये है कि इसका उपयोग कब, कैसे और कितना करना है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर क्या है
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक छोटी सी मशीन है जिसकी मदद से पीड़ित व्यक्ति को ऑक्सीजन दी जाती है। जिन मरीजों के लंग्स ठीक से काम नहीं करते हैं या जिन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है, उन्हें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का सपोर्ट दिया जाता है।

जरूरत कब होती है
अगर ऑक्सीजन लेवल 94 से कम और सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरती होती है। लेकिन आजकल अस्पतालों में बेड नहीं हैं, आईसीयू नहीं हैं। ऐसे में डॉक्टर की देखरेख में मरीज का घर पर ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मदद से ऑक्सीजन थेरपी शुरू कर सकते हैं।

कैसे काम करता है कंसंट्रेटर
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बिजली से चलने वाली एक मशीन है, जो हवा से ऑक्सीजन खींच कर रोगी के लंग्स तक सीधे पहुंचाने मदद करती है। यह तो सभी जानते हैं कि हवा में 21 फीसदी ऑक्सीजन है। कॉन्सेंट्रेटर इस हवा में से ऑक्सीजन लेकर मरीज को पहुंचाता है। कंसंट्रेटर 95 फीसदी तक ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है।

ऑक्सीजन की शुद्धता कम होने पर करता है इंडिकेट
हालांकि गंभीर मामलों में 99 फीसदी तक शुद्ध (pure) ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है, जिसमें कंसंट्रेटर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसमें एक सेंसर लगा होता है, जो ऑक्सीजन की शुद्धता कम होने पर सूचित करता है।

यह कैसे काम करता है
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में एक कम्प्रेशर और छलनी (फिल्टर) लगी होती है। कम्प्रेशर हवा को खींचता है और इसके प्रेशर को भी कंट्रोल करता है। फिल्टर ‘जिओलाइट’ नामक धातु से बना होता है वह हवा से नाइट्रोजन को अलग करके, दूसरे फिल्टर की मदद से सिर्फ ऑक्सीजन को मरीज की नाक तक पहुंचाता है। ये दोनों फिल्टर नाइट्रोजन को बाहर निकल कर शुद्ध ऑक्सीजन के बहाव को बनाए रखते हैं।

कितने प्रकार के होते हैं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दो प्रकार के हैंः पहला कॉन्टिनिवल फ्लो (Continuous Flow), जिसमें ऑक्सीजन एक ही बहाव में रहती है। इसके प्रेशर को मेन्युली एडजस्ट करना पड़ता है। दूसरा पल्स डोज़ (Pulse Dose)। इसमें उपकरण खुद ही सांस लेने के पैटर्न को पहचान कर ऑक्सीजन प्रेशर को ऑटोमेटिक एडजस्ट करता है।

फिचर्स और प्राइस
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर विभिन्न फीचर्स और कैपेसिटी में उपलब्ध हैं। कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए 5 से 10 लीटर आउटपुट वाले कंसंट्रेटर का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कीमत 40,000 हजार से 90,000 हजार रुपये तक हो सकती है। सबसे अच्छी बात यह है की ये छोटे और पोर्टेबल होते हैं। इन्हें कहीं पर भी रखकर इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह रिफिल नहीं कराना पड़ता और ये बिजली से चलते हैं।

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